Tuesday, May 21, 2024

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा: कार्तिक पूर्णिमा को कई जगह देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत रखना बेहद शुभ और पुण्य का काम माना जाता है।

Kartik Poornima Vrat Katha - DuniyaSamachar

नई दिल्ली : हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को कई जगह देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखना बेहद शुभ और पुण्य का काम माना जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Poornima) को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है।

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा इस प्रकार से है-

एक बार की बात है त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने कठोर तपस्या की। त्रिपुरासुर की इस घोर तपस्या के प्रभाव से सभी जड़-चेतन, जीव-जन्तु तथा देवता भयभीत होने लगे। तब देवताओं ने त्रिपुरासुर की तपस्या को भंग करने के लिए खूबसूरत अप्सराएं भेजीं।

परंतु त्रिपुरासुर की कठोर तपस्या में वह बाधा डालने में सफल न पाईं। अंत में ब्रह्मा जी स्वयं उसके सामने प्रकट हुए तथा उससे वर मांगने के लिए कहा।

तब त्रिपुरासुर ने ब्रह्मा जी से वर मांगते हुए कहा ‘न मैं देवताओं के हाथ से मरु, न मनुष्यों के हाथ से।’ वरदान मिलते ही त्रिपुरासुर निडर होकर लोगों पर अत्याचार करने लगा। जब उसका इन बातों से भी मन न भरा तो, उसने कैलाश पर्वत पर ही चढ़ाई कर दी। इसके परिणाम स्वरूप भगवान शिव और त्रिपुरासुर के बीच घमासान युद्ध होने लगा।

काफी समय तक युद्ध चलने के बाद अंत में भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु की सहायता से उसका वध कर दिया। इस दिन से ही क्षीरसागर दान का अनंत माहात्म्य माना जाता है।

अन्य व्रत कथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Hindi News से जुड़े हर बड़ी खबर लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, साथ ही ट्विटर पर फॉलो करे...
Web Title: कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा

(Read all latest Spiritual News Headlines in Hindi and Stay updated with Duniya Samachar)

error: Content is protected !!