नई दिल्ली : हिन्दू धर्म में ‘छठ पर्व‘ का विशेष महत्व है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से ये पर्व आरंभ होता है और सप्तमी तक चलता है। इस त्योहार में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इस त्योहार में गलती की कोई जगह नहीं होती। इस व्रत को करने के नियम इतने कठिन हैं, इस वजह से इसे महापर्व अौर महाव्रत के नाम से संबाेधित किया जाता है।
छठ महापर्व पहले सिर्फ बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अब यूपी, झारखंड, दिल्ली समेत कई जगहों पर यह धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को परिवार के सुख और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। छठी मइया की बच्चों पर विशेष कृपा होती है इसलिए संतान की सलामती का आशीर्वाद पाने के लिए भी इस व्रत की बड़ी अहमियत है। छठ पूजा की परंपरा और उसके महत्व…
छठ में डूबते सूरज को क्यों दिया जाता है अर्घ्य?
ये पर्व सूर्य और उसकी शक्ति को समर्पित होता है। धर्म के साथ-साथ विज्ञान से भी जुड़ा है छठ व्रत और पूजा का रिश्ता। उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रीति तो कई व्रतों और त्योहारों में है। लेकिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा आमतौर पर केवल छठ व्रत में है। जानें क्यों दिया जाता है सूरज को अर्घ्य?
सुबह, दोपहर और शाम तीन समय सूर्य देव विशेष रूप से प्रभावी होते हैं। सुबह के वक्त सूर्य की आराधना से सेहत बेहतर होती है। दोपहर में सूर्य की आराधना से नाम और यश बढ़ता है। शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है। शाम के समय सूर्य अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं, इसलिए प्रत्यूषा को अर्घ्य देना तुरंत लाभ देता है। जो डूबते सूर्य की उपासना करते हैं, वो उगते सूर्य की उपासना भी ज़रूर करें।
किन लोगों को डूबते सूर्य को देना चाहिए अर्घ्य
छठ पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ डूबते सूरज की भी वंदना की जाती है, जल अर्पित किया जाता है। चार दिनों के इस महापर्व में छठ व्रती 36 घंटे का कठिन उपवास करते हैं। पर्व के दौरान मन और शरीर की शुद्धता की बड़ी अहमियत है।
वहीं ज्योतिष के जानकारों की मानें तो अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा इंसानी जिंदगी हर तरह की परेशानी दूर करने की शक्ति रखती है। फिर समस्या सेहत से जुड़ी हो या निजी जिंदगी से। तो जानिए ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर आप कौन-कौन सी मुसीबतों से छुटकारा पा सकते हैं। किन लोगों को अस्त होते सूर्य को जरूर अर्घ्य देना चाहिए?
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार जो लोग बिना कारण मुकदमे में फंस गए हों, उन्हें अस्त होते सूर्य को जरूर अर्घ्य देना चाहिए। जिन लोगों का कोई काम सरकारी विभाग में अटका हो। जिन लोगों की आंखों की रौशनी घट रही हो। जिन लोगों को पेट की समस्या लगातार बनी रहती हो या जो विद्यार्थी बार-बार परीक्षा में असफल हो रहे हों। इन लोगों को अस्त होते सूर्य को जरूर अर्घ्य देना चाहिए।
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