जीएसटी (GST) का व्यवसायों पर प्रभाव
• वर्तमान में व्यवसायों को अलग-अलग प्रकार के अप्रत्यक्ष करों का भुगतान करना पड़ता है जैसे वस्तुओं के उत्पादन करने पर उत्पाद शुल्क, ट्रेंडिंग करने पर सेल्स टैक्स, सेवा प्रदान करने पर सर्विस टैक्स आदि।
• इससे व्यवसायों को विभिन्न प्रकार के कर कानूनों की पालन करनी पड़ती है जो कि बहुत ही मुश्किल एवं जटिल कार्य है। लेकिन जीएसटी के लागु होने से उन्हें केवल एक ही प्रकार अप्रत्यक्ष कानून का पालन करना होगा जिससे भारत में व्यवसाय में सरलता आएगी।
• वर्तमान में व्यवसायी, उत्पाद शुल्क व सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर) का उपयोग नहीं कर सकता और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर (सेवाओं पर चुकाए गए कर) और उत्पाद शुल्क (ख़रीदे गए माल पर लगे उत्पाद शुल्क) की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता।
• इस कारण वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है। लेकिन जीएसटी के लागु होने से वयवसायियों को सभी प्रकार की खरीदी गयी वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी की पूरी क्रेडिट मिल जाएगी जिसका उपयोग वह बेचीं गयी वस्तुओं और सेवाओं पर लगे जीएसटी के भुगतान में कर सकेगा। इससे लागत में कमी आएगी।(DuniyaSamachar)
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