Thursday, May 23, 2024

कोरोना वायरस: जानें आइसोलेशन, क्वारंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग में क्या है फर्क

कोरोना वायरस के अलावा क्वारंटाइन, आइसोलेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की बात तो सब कर रहे हैं, लेकिन क्या इसका मतलब मालुम है? इनके अलग-अलग मायने हैं, दूर करें भ्रम

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2) क्या है आइसोलेशन (Isolation) का मतलब

इसका मतलब होता है अलगाव या एकांतवास। खुद को परिवार और समाज से अलग-थलग कर लेना। आप इसे ऐसे समझ सकते है मान लीजिए आप किसी दूसरे देश की यात्रा करके आये है, आपमें कोरोना के लक्षण (Corona Symptoms) हों या न हों, लेकिन आप खुद को सभी से अलग-थलग कर लीजिए। खुद को अकेले में कैद कर लीजिए। अगर आप ये काम अपने घर में करें तो ज्यादा बेहतर है। इसे सेल्फ क्वारंटाइन (Self Quarantine) भी कहा जा रहा है।

खुद का आइसोलेशन (Isolation) ऐसे करें

अगर आप खुद अपने आप को घर में आइसोलेट (Isolate) कर रखा है, तो ये ध्यान रखिए कि आपके कमरे में कोई न जाए। अगर देखभाल की ज़रूरत हो तो सिर्फ एक आदमी ही देखभाल करे। और उस आदमी को भी पूरे सावधानी बरतनी चाहिए। बिना ग्लव्स और मास्क लगाए किसी को भी अपने पास न आने दें। कोरोना के लक्षण 14 दिन में नजर आते हैं इसलिए खुद को कम से कम 14 दिनों तक आइसोलेशन (Isolation) में हर हाल में रखें

आप जिस कमरे में हों, उसमें अटैच बाथरूम हो, जिसका इस्तेमाल आपके अलावा और कोई न करे। उस बाथरूम की भी हर रोज साफ-सफाई हो और कोशिश करें कि ये साफ-सफाई आप खुद करें। अगर आपको इस बात की आशंका है कि आप किसी कोरोना पीड़ित शख्स के संपर्क में आ गए हैं, तो भी आप खुद को आइसोलेट (Isolate) कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो भी आप खुद को आइसोलेट कर सकते हैं।

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क्या है सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का मतलब

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